भुंजिया जनजाति निवास स्थल
यह जनजाति मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के तीन जिलों में निवासरत है गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी इन तीन जिलों में भुंजिया जनजाति निवास करते हैं ओर इन तीनों जिलों में इनकी सबसे अधिक जनसंख्या गरियाबंद जिले में है
2011 की जनगणना के अनुसार भुंजिया जनजाति की जनसंख्या 10,603 है।
और इनके लिंगानुपात 1029 इससे यह स्पष्ट होता है की भूंजिया जनजाति में महिलाओं की जनसंख्या ज्यादा है अपेक्षा पुरुष के अगर इनकी साक्षरता की बात करें 50.93% लिट्रसी दर है 50.9% पुरुष की साक्षरता दर तथा 38% महिला का है।
भुंजिया शब्द की उत्पत्ति
एक बार शंकर भगवान और माता पार्वती इस क्षेत्र में यात्रा के दौरान आए मुख्यरूप से गरियाबंद जिले में तो शंकर भगवान ध्यान करने के लिए मकान में बैठे जाते है तथा माता पार्वती मिट्टी से दो पुतलो का निर्माण करती है और स्नान करने के लिए चले जातें है और शंकर जी द्वारा मकान में आग लग जाती है।
जिससे वह पुतले आग में जलाकर ध्वस्त, पूरी तरह भूंज जाती है फिर पार्वती शंकर जी से कहती है जिस तरह से मैने पुतले बनाए है क्यों न आप उसे मानव का जन्म दिया जाए तब भगवान उनमें जान डाल देते है जिससे भुंजिया जनजाति की उत्पत्ति होती है।
भुंजिया जनजाति का लाल बंगला
भुंजिया जनजाति की परंपरा व संस्कृति काफी शानदार होता है इस जनजाति में जितनी विशेषताएं हैं उतनी ही रूढ़ियाँ हैं जिसका आज भी पूरे मनोयोग से पालन किया जाता है भुंजिया जनजाति की सामाजिक व्यवस्था अनुष्ठान से कम नहीं होता उनके घर में एक पवित्र रसोई का कमरा होता है जिसे लाल बंगला कहा जाता है लाल बांग्ला की पवित्रता को बनाए रखने के लिए कई सारे कठोर नियम होते हैं इस लाल बंगाल में स्कैप परिवार के अलावा अन्य किसी जाति समुदाय के परिवार के विवाहित कन्या इस लाल बंगाल के कक्ष में प्रवेश नहीं कर सकती है।
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घर की महिलाएं भी राजस्व वाला काल में लाल बंगला से दूर अन्य कमरे में रहती है घर की महिलाओं को प्रसव काल में तीन दिनों तक बाहर रखा जाता है यदि कोई अन्य व्यक्ति लाल बंगला को स्पर्श कर देता है तो उसे तुरंत तोड़ कर एक नए स्थल पर लाल बंगला का निर्माण किया जाता है लाल बंगाल में भोजन तथा जूठे मूंह प्रवेश नहीं कर सकते भुंजिया जनजाति का यह लाल बंगला 11 स्तंभों से बना होता है इनकी दीवालों की ऊँचाई 10 फ़ीट होती है जिसे मिट्टी,धान,बॉस भूसा और लकड़ी से बनाया जाता है इनकी छत बांस घांस भूसे से बने होते है लाल बंगले में कोई खिड़की नहीं होती इसमें केवल अंदर जाने का रास्ता होता है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भुंजिया जनजाति कौन से जाति वर्ग में आते है ?
पिछड़ा वर्ग में आते है।
भुंजिया जनजाति की जनसँख्या कितनी है ?
भुंजिया जनजाति की जनसंख्या 10,603 है।
भुंजिया जनजाति किन जिलो में निवास करते है ?
यह जनजाति मुख्य रूप गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी जिलो में निवास करते है।
भुंजिया जनजाति में सर्वाधिक जनसँख्या वाला जिला कौन सा है ?
गरियाबंद जिले में सर्वाधिक जनसँख्या है।
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