छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध शिव मंदिर
भोरमदेव मंदिर
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले का भोरमदेव मंदिर ये मंदिर कवर्धा से लगभग 20 किलोमीटर दूर चौरा गांव में स्थित लगभग 1000 साल पुराना मंदिर है इसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है यह मंदिर छत्तीसगढ़ का बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है और ये भगवान शिव को समर्पित है यहाँ हजारों की संख्या में भक्त दूर दूर से महादेव के दर्शन के लिए आते है|
भूतेश्वर नाथ मंदिर
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के घने जंगलों महादेव का प्राकृतिक भूतेश्वर नाथ महादेव के नाम से जाना जाता है पूरे विश्व का एकमात्र ऐसा प्राकृतिक शिवलिंग है जिसकी लंबाई अपने आप ही बढ़ती जा रही है महा शिवरात्रि में यहाँ भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है
ओना कोना शिव मंदिर
बालोद जिले का ओना कोना शिव मंदिर ये मंदिर बालोद जिले से लगभग 50 किलो,मीटर की दूरी पर स्थित है मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है इसलिए इस मंदिर को त्रम केश्वर मंदिर भी कहा जाता है
हटकेश्वर महादेव
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले का हटकेश्वर महादेव मंदिर खारून नदी के तट पर स्थित इस मंदिर के पीछे त्रेता युग की एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है इसके चलते यहाँ देशभर ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते
गंधेश्वर महादेव
महासमुंद जिले का एक ऐसा शिवमंदिर जिसे गंधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है इतिहासकारों की मानें तो यहाँ गंधेश्वर मंदिर में मौजूद शिवलिंग लगभग 2000 साल पुराना है और सबसे खास बात ये है की ये की यहाँ शिवलिंग से तुलसी के पत्ते की खुसबू आती है |
देवबलोदा चरोदा महादेव मंदिर
दुर्ग जिले का देवबलोदा प्राचीन शिव इस मंदिर का निर्माण 13वी शताब्दी में कलचुरी राजाओं ने कराया था इस मंदिर को छह मासी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है
लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर
जांजगीर चांपा जिले के खरोद में स्थित लक्ष्मणेश्वर महादेव का मंदिर यह मंदिर को बहुत ही प्राचीन माना जाता है और कहा जाता है कि यहाँ एक ऐसा शिवलिंग है जिसमें 1,00,000 छिद्र है
जिसमें कहा जाता है कि 1,00,000 शिवलिंग के दर्शन होते है लोगों का मानना है इस शिवलिंग में जितना भी जल डालो वह भगवन अपने अन्दर समा लेता है और ऐसा भी कहा जाता है की यह जल पताल लोक तक जाता है
शिव मंदिर पाली
कोरबा के पाली का ऐतिहासिक शिव मंदिर इस मंदिर का निर्माण बालुओ और पत्थर द्वारा किया गया और कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव यहाँ हर भक्तों की मनोकामना पूरी करते है
तुर्री धाम महादेव मंदिर
तुर्री धाम महादेव मंदिर जो जांजगीर चांपा में है यहाँ के शिव मंदिर को बहुत ही अनोखा माना जाता है यहाँ प्राकृतिक रूप से 12 महीना शिवलिंग पर जलाभिषेक होते रहता है
जशपुर कैलाश गुफा की मंदिर
जशपुर का कैलाश गुफा कैलाश गुफा पूरा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है यहाँ हर साल महाशिवरात्री के अवसर पर भव्य मेला का आयोजन भी किया जाता है यहाँ भी महादेव का एक प्राकृतिक शिवलिंग है
सरोना प्राचीन शिव मंदिर
रायपुर के सरोना का प्राचीन शिव मंदिर यहाँ भी भगवान का प्राचीन शिव मंदिर है जिसे देखने के लिए श्रद्धालु दूर दूर से आते हैं
स्वयंभू शिवलिंग
बस्तर जिला का स्वयंभू शिवलिंग यहाँ ग्यारहवीं शताब्दी का शिव मंदिर है इस मंदिर के बारे में यह कहा जाता है की यदि की यहाँ निसंतान की मनोकामना पूरी होती है
शिव कोकड़ी धाम
दुर्मग जिले के कोकड़ी धाम मंदिर में भी महाशिवरात्रि के अवसर पर भव्य मेला लगाया जाता है और यह छत्तीसगढ़ का बहुत ही प्रसिद्ध शिव मंदिर है
तातापानी शिव मंदिर
बलरामपुर जिले का तातापानी शिव मंदिर जहाँ प्राकृतिक रूप से गर्म पानी निकलता है जो कि पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है यहाँ भी मेलों का आयोजन हर साल किया जाता है
चन्द्रखुरी का शिव मंदिर
इस मंदिर को छह माह शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और भी बहुत ही प्राचीन शिव मंदिर है
टोला घाट शिव मंदिर
यह मंदिर टोला घाट शिव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है जहाँ नदी पार करके महादेव के मंदिर तक जाना होता है
सहसपुर शिव मंदिर
बेमेतरा जिले का सहसपुर शिव मंदिर ये मंदिर भी बहुत ही पुराना और प्राचीन शिवमंदिर है
देऊ शिव मंदिर
छत्तीसगढ़ जिले के राजनांदगांव जिले का देऊ शिव मंदिर यह प्राचीन और अद्भुत शिव जी का मंदिर छत्तीसगढ़ का एक पूरा तात्विक धरोहर है
- सूरजपुर जिले का सारा सोर शिव मंदिर
फणिकेश्वरनाथ महादेव मंदिर
फणिकेश्वरनाथ महादेव मंदिर यहाँ मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग में जल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है
पातालेश्वर महादेव मंदिर
बिलासपुर जिले के मल्हार में स्थित पातालेश्वर महादेव मंदिर कैसे केदारेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है इस मंदिर की खास बात ये है की इस मंदिर में 108 कोड़ बने हुए है
यहाँ ऐसा मन जाता है की भगवान शंकर को चढ़ाया जाने वाला जल पाताल लोक तक जाता है
- तुलसी गाँव का दुर्ग जिले का शिव मंदिर
- बिलासपुर के गनियारी का शिव मंदिर
घटियारी बिरखा
राजनांदगांव जिले के घटियारी बिरखा का प्राचीन शिव मंदिर यह मंदिर दसवीं से ग्यारहवीं शताब्दी का मंदिर है
- बस्तर जिले का गुमढ़पाल शिव मंदिर और ये भी ज्यादा प्राचीन शिव मंदिर है
- दुर्ग जिले के नगपुरा गांव प्राचीन शिव मंदिर
बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर
रायपुर जिले का बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर इस मंदिर की मान्यता है कि स्वयंभू शिवलिंग पर सांप लिपटे रहते थे जिसे देखकर श्रद्धालुओं ने मंदिर का निर्माण करवाया
नारायणपुर का शिव मंदिर
नारायणपुर का शिव मंदिर इस मंदिर की कारीगरी काफी उन्नत है स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण कल्चुरीकालीन राजाओं के द्वारा सात वीं से आठ वीं शताब्दी के बीच करवाया गया था
- रायपुर जिले का नीलकंठेश्वर मंदिर
- रायपुर जिले का नर हरेश्वर महादेव का धाम
- कोरबा के तुमान में स्थित शिव मंदिर ये बहुत ज्यादा प्राचीन शिव मंदिर है
- बिलासपुर जिले का अष्टमुखी बहुत ज्यादा प्राचीन शिव मंदिर है
बागेश्वर नाथ महादेव मंदिर
आरंग बागेश्वर नाथ महादेव ये मंदिर 11 वीं सदी का शिव मंदिर है और कहा जाता है कि भगवान राम वनवास काल के दौरान जहाँ भगवान बागेश्वरनाथ जी की पूजा अर्चना की थी ये मंदिर महादेव का बहुत ज्यादा प्राचीन मंदिर है और जैसे की आप जानते हैं की आरंग को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है इस मंदिर में प्रत्येक सोमवार भगवान शिव का अलग अलग रूपों में श्रृंगार किया जाता है
कुलेश्वर महादेव मंदिर
राजिम का कुलेश्वर महादेव मंदिर त्रिवेणी संगम पर स्थित कुलेश्वर महादेव का मंदिर बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हैं और छत्तीसगढ़ के एक प्राचीन मंदिरों में इसकी गणना की जाती है मान्यता है कि यहाँ शिवलिंग की स्थापना माता सीता ने अपने हाथों से किया था
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